याद तेरी ये मुझको क्यों पल पल आती है क्या कमी रही थी मुझसे ये बात सताती है टूट गए वो सपने जो साथ तेरे देखे बिखर गया हूँ इतना अब संभलू मैं कैसे बात अधूरी सी कुछ तुझसे कहना था जीवन का लक्ष्य मेरा,साथ तेरे रहना था हर रात मेरी आँखे पानी बरसाती है हर सुबह तेरे आने की उम्मीद जगाती है तुझे इतना चाहकर भी पास बुला न सका हर नशा किया मैने पर तुझे भुला न सका तू चली ऐसे ,क्या ऐसे कोई जाता है जाने का मकसद भी तो जाने वाला बताता है बीत गए है सालो इंतजार तेरा करते हर पल कटता है अंहे भरते-भरते क्या भूल गई सब वादे,क्या भूल गई सब शर्ते कहती थी,साथ रहूँगी तेरे जीते या मरते क्या वो आशिक तेरा,तुझे इतना चाहता है क्या वो भी मिलने तुझसे,घर तक आता है क्या वो भी खातिर तेरे सब से लड़ जाता है क्या वो भी कठिन समय में तेरा साथ निभाता है क्या यार उसके भी तुझे भाभी कहके बुलाते है क्या तेरे आते ही नाम उसका चिल्लाते है रोती है जब तू क्या वो भी गले लगाता है सोती है जब तू क्या वो भी देख-देख मुस्काता है मरा करते थे कभी, तुझे पल पल पाने को अब दुआ मांगते है, हर पल मर जाने को आँखे ये मेरी, तेरी बात कहा करती है अब तू साथ नहीं रहती, तेरी याद राहा करती है ©sk yadav #याद_तेरी #HeartBreak