#वक्त तर किया आंखों ने जुबां को क्या दोष दोगे, दूर किया वक्त ने लफ़्ज़ों को क्या गुनाह दोगे, वक्त की नज़ाकत को छोड़ो कभी-कभी वक्त की फ़िराक को समझो, मोहब्बत और लफ़्ज़ ,पहले हो या आखरी ये वक्त के बाशिंदे वक्त नहीं गिना करते ! #हिमांशु 💞 ©Himanshu Bamniya #Time