ये कौन है जो तनहा जा रहे है.... भरी जवानी में घर से निकाले जा रहे है....!! तकलीफ़ दिलों से ज़ुबान पे उतर आई.... तभी चोटों के साथ ताने जा रहे है....!!!! मेरे जनाज़े पे आज भीड़ क्यों नही है..... चेहरे अब यहां से पुराने जा रहे है....!! सच कहते ह लोग मेरे बारे में.... जनाब दिलेरी से अकेले जा रहे है....!!!! अर्पित द्विवेदी #यादोंसे #अंतिम_विदाई