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चुभने लगे थे वो रिसते कांटो की तरह जो कभी गुलाब

चुभने लगे थे वो  रिसते कांटो की तरह 
जो कभी गुलाब सा महकते थे
दूरिया इतनी बढ़ने लगी उनमे
होकर एक ही कमरे मे अजनबी से वो रहने लगे

©Jyoti Sanju #अजनबी#रिशते #नोजोटो 

#Rose
चुभने लगे थे वो  रिसते कांटो की तरह 
जो कभी गुलाब सा महकते थे
दूरिया इतनी बढ़ने लगी उनमे
होकर एक ही कमरे मे अजनबी से वो रहने लगे

©Jyoti Sanju #अजनबी#रिशते #नोजोटो 

#Rose
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Jyoti Sanju

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