हर शाम तुम्हारा इंतजार, पता नहीं क्यों रहता है। ये दिल तुम्हारी शैतानियां, पता नहीं क्यों सहता है । देखलूँ अगर तुम्हारी एक झलक, मन मेरा मुस्कुराता रहता है। रूठ जाओ तुम अगर , ये जग रूठा-रूठा लगता है। सुनने के लिए तुम्हारी पायल की झंकार, हर शाम तुम्हारा इंतजार रहता है। ©Shashank Singh Kushwaha #Love #poem #Poetry #शshank #Sksingh #तुम्हारा #इंतजार #wetogether Suman Zaniyan