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जब कभी बच्ची जन्म लेती हैं एक नई जिंदगी से रूबरू ह

जब कभी बच्ची जन्म लेती हैं
एक नई जिंदगी से रूबरू होती है
स्वागत तो उसका मुस्कुराहटों से होना था
मगर फिर भी अपनो ने ही मुँह मोड़ा था
रोये थे मानो जैसे कोई मर गया हो
इस दुनिया को मानो कोई दंड मिल गया हो
छलके तो आँसू उस माँ के भी थे
मगर इस नन्ही बच्ची के दोष क्या थे
कभी बच्चियाँ कूड़े के ढेर में मिलती है
तो कभी किसी बन्द बैग में लिपटी मिलती हैं
कभी होजाती हैं शिकार वो हैवानो का
कभी मर जाती हैं युहीं अंधकार में
आखिर ये सवाल क्यों उठता है?
की बेटी होगी या बेटा??
अरे क्या बेटा ज्यादा समर्पित होगा
या बेटी बस कोई खिलौना होगी
ये तय करने वाले हम कौन होते हैं
जरा सोच को बदलो थोड़ा सम्भाल जाओ
ऊपर वाला सब देखता है थोड़ा सा बदल जाओ।।

©Sakshi Tomar #नन्ही-परी😊😊
जब कभी बच्ची जन्म लेती हैं
एक नई जिंदगी से रूबरू होती है
स्वागत तो उसका मुस्कुराहटों से होना था
मगर फिर भी अपनो ने ही मुँह मोड़ा था
रोये थे मानो जैसे कोई मर गया हो
इस दुनिया को मानो कोई दंड मिल गया हो
छलके तो आँसू उस माँ के भी थे
मगर इस नन्ही बच्ची के दोष क्या थे
कभी बच्चियाँ कूड़े के ढेर में मिलती है
तो कभी किसी बन्द बैग में लिपटी मिलती हैं
कभी होजाती हैं शिकार वो हैवानो का
कभी मर जाती हैं युहीं अंधकार में
आखिर ये सवाल क्यों उठता है?
की बेटी होगी या बेटा??
अरे क्या बेटा ज्यादा समर्पित होगा
या बेटी बस कोई खिलौना होगी
ये तय करने वाले हम कौन होते हैं
जरा सोच को बदलो थोड़ा सम्भाल जाओ
ऊपर वाला सब देखता है थोड़ा सा बदल जाओ।।

©Sakshi Tomar #नन्ही-परी😊😊
sakshitomar6093

Sakshi Tomar

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