उनकी प्यार मोहब्बत की कविताओं की दीवानी है कई गोपियाँ, मेरी ख़्वाहिश.... वो मुझे कभी अपनी राधा बना ले 'निःस्वार्थ प्रेम' .. इस प्यारे एहसास की परिभाषा क्या है? आसान सा जवाब.. 'त्याग' त्याग बिना संभव नहीं 'प्यार' जैसे पवित्र एहसास का मुकम्मल होना। राधा कृष्णा का वो अटूट बंधन । जो दुनिया के रिश्तों के बंधन से कई ऊपर है। मन से जुड़ा एक सुंदर एहसास। जुदा होकर भी हमेशा साथ है, ना नफ़रत की जगह, ना मोह का कोई भाव। कुछ तो नाराज़गी थी, पर परवाह उससे कुछ ज़्यादा, ग़म तो था दूरी का, पर पाने का कोई स्वार्थ नहीं, आँसू भी बहे नदियों से उन मासूम आँखों से, पर प्यार था उससे कई ज़्यादा। बस ऐसे ही रहेंगे तुम और मैं भी.. हम बनकर।