न जाने कितना खून शामिल, होता होगा तेरी खुराक़ में, जो इस क़दर दर्द मुक्कमल हुए बेवफ़ाई इस फिराक में, मेरे जीते-जी, एक दीदार भी तुझसे न हुआ मेरा, और आज़ खोजने चली आई मुझको, मेरी ख़ाक में, #jashan_e_zindagi