इतना मत हो चूर मानव अपनी उपलब्धि में आज उसकी कीमत तुझे देनी पड़ रही!! मुफ्त में जो मिली थी तुझे हवा!! आज वही हवा बन गई है दवा!! जीवनदायिनी प्राणवायु की कद्र ना जानी!! आज तड़प रहा तू एक एक सांस के लिए!! स्वार्थ के लिए उपजाऊ जंमी को!! बंजर बनाया!! जंगलों को काट खेत खलियानओं को!! कंक्रीट के महलों से सजाया!! उसने इस धरती को कतरा कतरा लहू देकर सजाया था !! तूने ए मानव इस धरती को कब्रिस्तान बनाया!! खुदा ने खौफ का मंजर अब ऐसा दिखलाया!! अभ भी तेरी समझ में एक तिनका ना आया!! उठ जाग अब होश संभाल इस धरती को फिर से जन्नत सा बना डाल!! फिर से लहराए पेड़ पौधे खेत खलियान!! बेखौफ पशु पक्षी घूमे अपने वन में!! मानव का उनको भय ना हो!! काश यह धरती पहले जैसी हरी भरी हो जाए!! मानव जीवन सुख समृद्धि और सुखमय सा हो जाए!! "स्वार्थी मानव लाइट जाने पर बिजली ऑफिस ना फोन करके पड़ोसी की लाइट देखता है कि हां उसकी भी चली गई तब तो ठीक है,,,,!!!! #cruelty #lifelessons #selfishworld #realityoflife