#OpenPoetry अपकी आनेसे मेरि जिंदेगी बदल गई पूरी तरह से बेजान था जैसे भटके हुए राही को मंज़िल मिलगेई तो मेरी जिंदेगी सबरगई जैसे बिन बादल बरसात हो गई ना सोचाथा कभी बी ऐसा मेरी जिंदगी में अचानक आओगे ऐसे एकदिन बादा कर ..... सात बंधन जोड़ के फिर तोड़के ना चलीजाओगी ना एक दिन.... @pbs# #manjil@pbs# Soumya Jain