अगर मंज़िल का पता हाथ में हैं तेरे तो खुश होने जैसा कुछ नहीं क्योंकि असल दौड़ तो अब शुरू होनी हैं अभी तो मंज़िल दिखी ही हैं बहुत टूटना हैं, बिखरना हैं, भिन्न भिन्न भी होना हैं क्योंकि असल दौड़ तो अब शुरू होनी हैं अभी तक जो उलझता था गैरों से तू शहर में अपने अपनों तक से तूने उलझना हैं मंज़िल के इस सफ़र में क्योंकि असल दौड़ तो अब शुरू होनी हैं तोड़ेगा, मरोड़ेगा, तेरे इरादों और हौसलों को तेरा ये समाज अच्छे से निचोड़ेगा पर स्थिर रहना हैं तूने अडिग रहना हैं प्यार दोस्ती मोह माया से हाथ जोड़ कठोर जिद्दी सख्त बने रहना हैं तूने कौन हैं यहाँ अपना या पराया खाली जेब बोझ और हैं रुपया तो तेरा ही हैं ये ज़माना मंज़िल तेरी नामुमकिन सी एक चुनौती हैं जहाँ तक कि दौड़ का आईना ज़रूरी हैं मेरा तुझको दिखाना, क्योंकि, असल दौड़ तो तेरी कब कि शुरू हो चुकी हैं ©lawsacerdos क्योंकि असल दौड़ तो अब शुरू होनी हैं . #lawsacerdos #life #destiny #goal #story