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पलकें बिछाए बैठी कान्हा,राधा तेरे प्यार में कहाँ छ

पलकें बिछाए बैठी
कान्हा,राधा तेरे प्यार में
कहाँ छुपे तुम ओ गिरधारी
झलक दिखला इक बार में
तेरे प्रेम में सब कुछ भूली
चली अकेली मैं नार-नवेली
तुझसे मिलने की चाह लिए
मन में प्रीत के भाव लिए
यमुना किनारे बंशी-बजैया
मैं सुध-बुध अपनी खो बैठी
सांवरिया तेरी याद में खोई
मैं वृंदावन को निकल पड़ी
तुझसे मिलने आई मैं सांवरे
दर्श दिखा तरसा ना सांवरे
दूर न तुझसे मैं रह पाऊँ
बंशी की धुन पर दौड़ी आऊँ
घर-बाहर रास्ते-चौबारे
ढूँढ रही हूँ यमुना किनारे 
बंसीवट की छैंया 
कहाँ छुपे हो जाकर
नटखट कृष्ण कन्हैया
बीती रही रैना चंदा छुपा जाए
श्याम तुम बिन अब रहा न जाए #पलकें #बिछाए
पलकें बिछाए बैठी
कान्हा,राधा तेरे प्यार में
कहाँ छुपे तुम ओ गिरधारी
झलक दिखला इक बार में
तेरे प्रेम में सब कुछ भूली
चली अकेली मैं नार-नवेली
तुझसे मिलने की चाह लिए
मन में प्रीत के भाव लिए
यमुना किनारे बंशी-बजैया
मैं सुध-बुध अपनी खो बैठी
सांवरिया तेरी याद में खोई
मैं वृंदावन को निकल पड़ी
तुझसे मिलने आई मैं सांवरे
दर्श दिखा तरसा ना सांवरे
दूर न तुझसे मैं रह पाऊँ
बंशी की धुन पर दौड़ी आऊँ
घर-बाहर रास्ते-चौबारे
ढूँढ रही हूँ यमुना किनारे 
बंसीवट की छैंया 
कहाँ छुपे हो जाकर
नटखट कृष्ण कन्हैया
बीती रही रैना चंदा छुपा जाए
श्याम तुम बिन अब रहा न जाए #पलकें #बिछाए