ज़िंदा रह के तो मैं ख़ामोश नहीं हो सकता, यानी अहसान फ़रामोश नहीं हो सकता ! यह अलग बात कि इक बार हरा दे वो मगर, फिर भी कछुआ कभी ख़रगोश नहीं हो सकता ! ©Aman Saxena #kabhi_kachua_khargosh nahi ho skta #Anhoni