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सारी कमियां, सारे गुनाह ढक जाते हैं, सारी चीखें,

सारी कमियां, सारे गुनाह ढक जाते हैं, 
सारी चीखें, सारे शोर दब जाते हैं। 
पैसों की चादर के आर पार न कुछ सुनाई देता है और न दिखाई देता है।

©Nidhi Talks
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