डर सी गई है वो, देख कर इंसान की करतूत रहती है सहमी हुई, अंदर से बिलकुल गई है टूट क्या थी गलती उसकी, जो जिंदगी गई उससे रूठ। ©Priyanka Kashyap women safety sad reality poetry sad poetry