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*मंथन* मनुष्य के जीवन में मन का मंथन अनिवार्य है।

*मंथन*
मनुष्य के जीवन में मन का मंथन अनिवार्य है।
यह मंथन मनुष्य के भीतर स्थित अवगुणों को बाहर निकालने में समर्थवान है तथा यही गुणों को प्रदर्शित करने में सहायक है ।
इस मंथन में विष रूपी अवगुणों को आत्मविश्वास  रुपी कण्ठ में धारण करना होगा । यह विचार करके कि यह न तो समाज को विषाक्त करे और न ही आपकी मनःस्थिति को ही क्षतिग्रस्त करे।
विश्वास रखो स्वयं पर की आपके अवगुण  आपकी मनःस्थिति को प्रभावित कभी नहीं कर सकते हैं। #manthan
*मंथन*
मनुष्य के जीवन में मन का मंथन अनिवार्य है।
यह मंथन मनुष्य के भीतर स्थित अवगुणों को बाहर निकालने में समर्थवान है तथा यही गुणों को प्रदर्शित करने में सहायक है ।
इस मंथन में विष रूपी अवगुणों को आत्मविश्वास  रुपी कण्ठ में धारण करना होगा । यह विचार करके कि यह न तो समाज को विषाक्त करे और न ही आपकी मनःस्थिति को ही क्षतिग्रस्त करे।
विश्वास रखो स्वयं पर की आपके अवगुण  आपकी मनःस्थिति को प्रभावित कभी नहीं कर सकते हैं। #manthan