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"दादी" स्वर्ग की आकांक्षा में धरा पर स्वर्ग बिखेर

"दादी"

स्वर्ग की आकांक्षा में
धरा पर स्वर्ग बिखेरा
कुशलक्षेम ही विचार
सुख आसन विराजा

पूर्ण ग्राम आँगन रहा
रहा समाज प्रतिष्ठित
लोकलाज का स्तम्भ
सुख आसन विराजा

स्व श्रद्धा कण्ठ धरा
हस्त धरा सदा सीस
मुख अवलोकन हठ
सुख आसन विराजा

नेह सागर बना कोशी
वेदना  भी ठहरा नहीं
मौलिकता थी मैथिल
सुख आसन  विराजा

सत्य भामा स्वर्ग गईं
छोड़ पदचिन्ह  भली
रहीं बस यादें उनकी
सुख आसन विराजा दादी की याद में।
🙏

"दादी"

स्वर्ग की आकांक्षा में
धरा पर स्वर्ग बिखेरा
कुशलक्षेम ही विचार
"दादी"

स्वर्ग की आकांक्षा में
धरा पर स्वर्ग बिखेरा
कुशलक्षेम ही विचार
सुख आसन विराजा

पूर्ण ग्राम आँगन रहा
रहा समाज प्रतिष्ठित
लोकलाज का स्तम्भ
सुख आसन विराजा

स्व श्रद्धा कण्ठ धरा
हस्त धरा सदा सीस
मुख अवलोकन हठ
सुख आसन विराजा

नेह सागर बना कोशी
वेदना  भी ठहरा नहीं
मौलिकता थी मैथिल
सुख आसन  विराजा

सत्य भामा स्वर्ग गईं
छोड़ पदचिन्ह  भली
रहीं बस यादें उनकी
सुख आसन विराजा दादी की याद में।
🙏

"दादी"

स्वर्ग की आकांक्षा में
धरा पर स्वर्ग बिखेरा
कुशलक्षेम ही विचार