जिन्दगी थम सी गई है, वक्त रुक सा गया, कायनात चुप सी हो गई है, जमीन बंजर हो गई बिन पेड़ पौधों से, आसमान खाली है बिन परिन्दों के, हवा मे गुब्बार भरा है, अब कौन बचाए?.... इस सब को खत्म कर डाला, इन्सान की चालाकीयों ने... दुनियावाले कैद हो गए खुद अपनें ही जाल में, ज्यादा-ज्यादा के चक्कर मे... कम से भी गए, करवट बदल गया, सारा मन्जर ,हवा में जहर भर गया... किसी ने किसी की न सुनी,एक दूसरे से आगे बढने की दौड में , अब कैद होकर रह.. गए ,इस... तकनीक की होड में,काबू न रहा अब किसी भी चीज पर, सब कुछ ठप करवा लिया दुनिया को... दिखाने के चक्कर में, मौत के तांडव के सामने किसी की नहीं... चल रही ,शहर के शहर... बाजार के बाजार खाली करवा दिए , इस करोना के शोर ने । जिन्दगी थम सी गई है वक्त रुक सा गया कायनात चुप सी हो गई है जमीन बंजर हो गई बिन पेड़ पौधों से आसमान खाली है बिन परिन्दों के हवा मे गुब्बार भरा है अब कौन बचाए?.... इस सब को खत्म कर डाला,