दयार ऐ ईश्क़ में बनके लिबास तेरी रूह में ऐसा उतरा। गुमसुम तेरे ख़यालों में हुआ क़ैद ये दिल ना फिर मेरा हुआ।। क़ुर्बतों के बिना भी रहा वो मेरी क़ुर्बत में, जिस्म में, वो मेरी रूह बन आबाद हुआ। #गुस्ताख़_मदीहे✍🏽 _______________❣️_____________ दयार-ए-'इश्क़ – इश्क़ की दुनिया #अबोध_मन🙏🏼 #रूहकामिलन