तेरे धुन में अब कोई झनकार होनी चाहिए, मेरे अल्फाजों का कोई आधार होना चाहिए। तु गा सके मैं लिख सकुँ बस यही काफ़ी नहीं, उस पार तक चल सके कोई पतवार होनी चाहिए।। #patwar Vijaya Singh