•| सोनेट |• // जीवन चक्र // देखो देखो खुशखबरी आई, गूंजी है घर में किलकारी, पैदा हुई है रानी बिटिया, घर हमारा खुशियों से महका, याद है वो दिन आज भी, जब मां से दूर हुई थी पहली बारी, रो रो कर स्कूल थी पहुंची, तब दोस्त बना था जिंदगी में पहला। दोस्ती के साथ गुज़रे कुछ साल, गुड़िया को छोड़ थामा कन्फ्यूजन का हाथ, समय बीता, जवानी ने ली अंगड़ाई, संग में उसके पहले प्यार की बहार भी आई, पहली नज़र, पहला हमसफ़र, करने लगे सब शादी को ले कर उसकी बात, फिर चंद ही दिनों में पक्का कर ब्याह, हो गई हमारी रानी बिटिया की विदाई। नया घर, नई ज़िम्मेदारी, नई जिंदगी की ओर रखा उसने कदम, कोई बेटी, कोई दोस्त, कोई बहू और अब मां उसको हैं बुलाते, बुढ़ापे में छोड़ गया वो, जिसने उम्र भर साथ निभाने की खाई थी कसम, काली रातों में तन्हा ही करवटें बदल बदल गुजरती है अब उसकी रातें। अब तो सिर्फ़ उसको मौत का इंतजार है। नया जन्म ना मिले बस यही एक दरकार है।। •| सोनेट |• // जीवन चक्र // देखो देखो खुशखबरी आई, गूंजी है घर में किलकारी, पैदा हुई है रानी बिटिया, घर हमारा खुशियों से महका, याद है वो दिन आज भी, जब मां से दूर हुई थी पहली बारी, रो रो कर स्कूल थी पहुंची, तब दोस्त बना था जिंदगी में पहला।