ना लगी बरछी,कृपाण, कटारी, ना भेदा हमको तीरों ने। रणयोद्धा कोई छू न सका, ना मारा हमको वीरों ने। ना चीरा हमको चीतों ने, ना बाघों ने ना शेरों ने। रह रह के काटा है हमको, आस्तीन के कीड़ों ने। बाबर,गोरी,खिलजी तो सब बाहर के थे शत्रु ही थे। सदियों से बेचा है हमको, इन जयचंदों ने, मीरों ने।। FULL POEM IN CAPTION....... #HindiPoetry #NojotoHindi #VeerRas #Gaddar #deshdrohi #Jaychand #patriotic #kavishala ना लगी बरछी,कृपाण, कटारी, ना भेदा हमको तीरों ने। रणयोद्धा कोई छू न सका, ना मारा हमको वीरों ने।