हर वक्त, हर वक्त की तरह ना रहा करो महफ़िल में हो, तो ज़रा महफ़िल में रहा करो ये नासूर, ये मोहब्बत तो अब हर वक्त तुम्हारी है ऐ दोस्त अब हमे भी हर वक्त, वक्त नहीं मिलता ज़रा समझा करो #दोस्त #यारी #महफिलें #पुरानियादें Ritika suryavanshi ✍ *Ruchi* ki kalam se✍