मुझसे मिलने को वो करता था बहाने कितने अब गुजारेगा मेरे साथ ज़माने कितने, मैं गिरी थी तो बहुत लोग रुके थे लेकिन सोचती हूँ मुझे आये थे उठाने कितने, जिस तरह मैंने तुझे अपना बना रखा है सोचते होंगे ये बात कितने.. तुम नया ज़ख्म लगाओ तुम्हें इससे क्या है, भरने वाले हैं अभी जख्म कितने.. #yqdidi #मिलने #बहाना #गुजार #ज़माना #गिर #उठाना #अपना #ज़ख्म #भरने