पड़े पड़े खटिया पर ख़्याल आता है। कुछ पुरानी बातों का मलाल आता है। कभी कड़े कदम उठाने की क़वायद- कड़ा कदम उठाया तो सवाल आता है। फिरका परस्तों का क्या कहना यारो! रंग बदलना उनको तो क़माल आता है। जो हो रहा है होने दो हमको क्या करना! होके दौड़ने लगे तब जाके हमाल आता है। हमने क्या लिखा तुमने क्या समझा बोलो! ना समझी हो कोई बात तो वबाल आता है। #kkकाव्यमिलन #कोराकाग़ज़काव्यमिलन #collabwithकोराकाग़ज़ #कोराकाग़ज़ #विशेषप्रतियोगिता #काव्यमिलन_3 #पाठकपुराण