वाइज़ को मेरे हालात तो बतला दूँ मगर... दिल के जज़्बात कैसे बतलाऊँ! तर्जुमा लफ़्ज़ों में मुमकिन ही नही! 'अक़्ल' जज़्बात से वाकिफ ही नही! (वाइज़ = मशवरा देने वाला/वाली) (तर्जुमा = अनुवाद, translation) (वाकिफ = जानना, acquainted) #dpf #nojoto love is another language!