ख़ामोशी एक ना-इलाज़ बिमारी है,,।। जिसका कोई इलाज़ नही है,,। चुभती ए तब ज्यादा है जब ,। हम खुद में ही ख़ामोश हो जाते है ,। आसूँ तक गिरने नही देते,।। अंदर ही अंदर दम तोड़ते है किसी से कुछ नही कहते है,,,।। किसी को अपना समझ नही पाते है,। दर्दों में सिमट कर ज़ख्म हम बन जाते है,।। क्या हुआ जो होटो से मुस्कुराते है,। आँसुओ का मजाक बनता है । इतना तो हम भी समझ पाते हैं,। अपना कोई नही इस बात को हम हर सुबह हम लिख कर जीते हैं,,।। #NojotoQuote ख़ामोशी की बीमारी,,#dil#pain#khamoshi#shayari#poem#poetry#Nojoto#Kjl# Anam__Shaikh