हे परम् पिता परमात्मा लीजो अब सम्भाल, बढ़ने लगी दुर्भिक्षा आ जाओ तुम बन ढाल, तेरे सहारे ही हम जी रहे न आये कोई काल, सम्पूर्ण सृष्टि आज तेरे होते हुए हैं निहाल, अनन्त अद्भुत तेरी शक्ति का न कोई तोल है, तुमसे तो सारा ब्रह्मांड दिव्य तू अनमोल है, मिटा दे इस महामारी को बनी जो मख़ौल है, तुझपर टिकी विश्वास की डोर बाकी झोल है, हे ईश!खुशियों की बरसात कीजो इस साल, कोई न तरसे खुशियों को ,,,सभी हो खुशहाल, खोई चमक लौट आये ग़ुलाबी हो जाये ये गाल, तेरी रहमत बरसाना कोई भी न रहे यूँ फटेहाल, स्वर्ग से सुंदर यह संसृति का दृश्य परिदृश्य हो, नैनन सुख अमृत बहे,कृत्रिमता न कोई संशय हो, हेचेतन्मयी करुणा के सागर तुझमे हम संचय हो, तुम ही श्रेष्ठ है,तुम ही परोक्ष तुम ही अतिशय हो। @निशा कमवाल विषय:--खुशियों की बरसात🙏 💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕💕 हे परम् पिता परमात्मा लीजो अब सम्भाल, बढ़ने लगी दुर्भिक्षा आ जाओ तुम बन ढाल, तेरे सहारे ही हम जी रहे न आये कोई काल, सम्पूर्ण सृष्टि आज तेरे होते हुए हैं निहाल,