#OpenPoetry मैख़ाने के जाम-सा नशा, तेरी आंखो से झलक रहा हे पैमाने-सी उम्र का तक़ाजा, तेरे बदन से छलक रहा हे लडखडाता देख मुझे, तेरा इरादा पलट रहा हे लाख इन्कार कर, तेरी बातो से इकरार टपक रहा हे ❤ love you all ...for your support keep loving ...Keep creating