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# "उमड़-उमड़ सावन, जब बरस-बरस जाए | English Poetry

"उमड़-उमड़ सावन,
जब बरस-बरस जाए;
बूँदों की सरगम पर,
धड़कन दिल की बढ़ जाए।

थम न पाए मेरे कदम,
बहक-बहक जाएँ;
रंग प्यार के फिज़ा में घोले,
anjalisinghal5635

Anjali Singhal

Bronze Star
New Creator
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"उमड़-उमड़ सावन, जब बरस-बरस जाए; बूँदों की सरगम पर, धड़कन दिल की बढ़ जाए। थम न पाए मेरे कदम, बहक-बहक जाएँ; रंग प्यार के फिज़ा में घोले, #Poetry #स्वरचितरचना #AnjaliSinghal

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