ऐब थे मुझमें हटा लिया था । आखिर तुझे जो मैन अपना मान लिया था । क्या पता था औरों की तू कद्र करे और मुझसे बेगाना रिश्ता आजाद किया तुझे मैन अब नासमझ था मैं जो तुझे मैने अपनी जिंदगी मान लिया था ।