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मैं किसी अंधेरे में बंद होना चाहती हूं बिना बताए,

मैं किसी अंधेरे में बंद होना चाहती हूं
 बिना बताए, बिना जताए 
अपने दुख में होकर मगन रोना चाहती हूं
 क्यों होता है जिंदगी में ऐसा ?
जो मैं नहीं होने देना चाहती हूं 
खुशियां आती है और पलक झपकते कहीं गुम हो जाती है 
मैं उन खुशियों को बंद करना चाहती हूं 

कुछ एहसास  जो अजीब है 
कुछ लोग जो करीब है 
मैं नहीं खोना चाहती हूँ
  पर फिर भी उनसे दूर एक घुटन के साथ
 किसी अंधेरे में बंद होना चाहती हूं 

मैं भी किसी कवि का छन्द होना चाहती हूं 
जो लोग बांटे वो खुशियां चंद होना चाहती हूँ
 मैं अपनी घुटन के अंधेरे में नहीं बंद चाहती हूं।

©chetna #अंधेरे #में# बंद# होना #चाहती हूँ#
मैं किसी अंधेरे में बंद होना चाहती हूं
 बिना बताए, बिना जताए 
अपने दुख में होकर मगन रोना चाहती हूं
 क्यों होता है जिंदगी में ऐसा ?
जो मैं नहीं होने देना चाहती हूं 
खुशियां आती है और पलक झपकते कहीं गुम हो जाती है 
मैं उन खुशियों को बंद करना चाहती हूं 

कुछ एहसास  जो अजीब है 
कुछ लोग जो करीब है 
मैं नहीं खोना चाहती हूँ
  पर फिर भी उनसे दूर एक घुटन के साथ
 किसी अंधेरे में बंद होना चाहती हूं 

मैं भी किसी कवि का छन्द होना चाहती हूं 
जो लोग बांटे वो खुशियां चंद होना चाहती हूँ
 मैं अपनी घुटन के अंधेरे में नहीं बंद चाहती हूं।

©chetna #अंधेरे #में# बंद# होना #चाहती हूँ#
chetna2316787559969

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