लोग क्या कहेंगे? इन लफ्जो में कही बार उलझ जाती हूं में अपनी मंजिल तक पहुंचने में हर बार घबराती हूं में जब भी खुलकर मुस्कुराती हु में एक आवाज दवी सी आती है थोड़ा धीमे हंसो लोग क्या कहेंगे जब निकलती हूं अपने मन का लिवाज पहनकर फिर मां से अक्सर कहते सुना है लोग क्या कहेंगे में जब बेफिक्र होकर निकलती हूं छूने आसमानों को तो जमी पर बैठे लोग अक्सर खींच ही लेते है बहाने से इतना ना उड़ों लोग क्या कहेंगे ... लेकिन अब फ़र्क नहीं पड़ता उनके कहने से बहुत सुन लिया मैने की लोग क्या कहेंगे क्योंकि लोग तो कहते ही रहेंगे वो किसी ना किसी बहाने से मेरे पंखों को जकड़ते ही रहेंगे #उड़ान#लोग#क्या#कहेंगे#nojoto#@thekhushidhangar