गमों को छिपाकर मुस्कुराहट के आगोश में झूठी हंसी लिए रहता हूँ। माफ करना आजकल रिश्तो को निभाने की बेबसी लिए रहता हूँ। वो क्या है ना थक चुका हूँ अब नकाब पहनते पहनते इश्क़ का, आजकल किसी की यादों में एक चेहरा दिलकशी लिए रहता हूँ। #काफ़िर आजकल #nojoto #nojotohindi