" यूं ही तेरा कुछ ख्याल सा रखेंगे , डुबती हुई शाम हैं तुझे जाम सा रखेंगे , नाशा उतर भी गया तो कोई बात नहीं , तुझे हर ज़र्रे में जाम का पयाम सा रखेंगे . " --- रबिन्द्र राम Pic: pexels.com " यूं ही तेरा कुछ ख्याल सा रखेंगे , डुबती हुई शाम हैं तुझे जाम सा रखेंगे , नाशा उतर भी गया तो कोई बात नहीं , तुझे हर ज़र्रे में जाम का पयाम सा रखेंगे . " --- रबिन्द्र राम