इस दुनिया को देखने का नजरिया, अब बदल चुका हूं मै। कल तक टेढ़ा था, अब सीधा बन चुका हूं मैं। एक अजीब सी विडंबना में, मन को झंकझोर रहा हूं मैं। न बुरा चाहा किसी का कभी, पर बुरा बन कर जी रहा हूं मैं। सच और झूठ के भंवर में, खुदको उलझा रहा हूं मैं। हर मुस्किल को सह कर भी, दर्द के घूंट पी रहा हूं मैं। सबके सामने होने पर खुश हूं, पर अंदर से खामोश हो रहा हूं मै। कैसे बताऊं पूरी दुनिया को, खुद में कितना रो रहा हूं मैं। बहुत डरा हुआ हूं खुद से, और खुद से ज्यादा लोगो से, जिनको माना था अपना, वो भी निकले है अब गैरो से। पागल और सनकी हुं अब, पर जिंदा दिल रखता हुं मै। खुद की तलाश में हूं मैं शायद, इसलिए... दुनिया को देखने का नजरिया, बदल रहा हुं मैं, अब बदल रहा हुं मै।...... #insideme