हर किसी से कहते फिरतें हैं , मजबूत बहुत हैं हम , क्योंकि भीतर से टूट चुके हैं हम। ओठों की मुस्कान कहती रहती, खता उसने की है , जाया क्यों करें अश्क हम ? मन की उदासी चीख-चीख कहती चाहे जितनी भी परतों में छुपा ले मेरी इस कदर रुसवाई की जिम्मेदार तू खुद है । #Dreams #DilBechaara