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हर किसी से कहते फिरतें हैं , मजबूत बहुत हैं हम , क

हर किसी से कहते फिरतें हैं ,
मजबूत बहुत हैं हम ,
क्योंकि भीतर से टूट चुके हैं हम।
ओठों की मुस्कान कहती रहती,
खता उसने की है ,
जाया क्यों करें अश्क हम ?
मन की उदासी चीख-चीख कहती 
चाहे जितनी भी परतों में छुपा ले 
मेरी इस कदर रुसवाई की जिम्मेदार
तू खुद है । #Dreams #DilBechaara
हर किसी से कहते फिरतें हैं ,
मजबूत बहुत हैं हम ,
क्योंकि भीतर से टूट चुके हैं हम।
ओठों की मुस्कान कहती रहती,
खता उसने की है ,
जाया क्यों करें अश्क हम ?
मन की उदासी चीख-चीख कहती 
चाहे जितनी भी परतों में छुपा ले 
मेरी इस कदर रुसवाई की जिम्मेदार
तू खुद है । #Dreams #DilBechaara