भीड़ ये भीड़ ना मेरी है ना तेरी है तू हंस ले आज जी भर के, आज जो मंदिर में सर मेरा फुट तो कल मस्जिद में बारी तेरी है ये भीड़ न मेरी है ना तेरी है UP में आज भगवा पहन मेरे साथ खड़ी है कल हैदराबाद में टोपी पहन तेरे साथ खड़ी होगी मत हो इतना खुश, आज घर मेरा जल रहा है तो कल मोहल्ला तेरा भी जलेगा भूल मत! ये भीड़ न मेरी है न तेरी है तू खुश हो रहा होगा, ये सोच के की भारत अब एक धर्म का देश बन जायेगा पर भूल मत तलवार तू उठाएगा , तो सर मैं भी नही झुकाउंगा | ये दोस्त, मत आ इस बहकावे में ये भीड़ न मेरी है ना तेरी है ये तो धर्म के वो नुमाइंदे है जो राजनीतिक मतलब के लिए आज अगर मुझे मारेंगे तो कल तुझे भी नही छोड़ेंगे भूल मत ये भीड़ न मेरी है ना तेरी है | By:- राजश्री प्रियदर्शिनी #StopBeingPartOfBheed #QuestionYourself Why? What ? For whom?