*सांसों की कीमत ?* भारत में कोरोना संक्रमण से एक 93 साल का बूढ़ा व्यक्ति ठीक हुआ और जब वह अस्पताल से डिस्चार्ज होने लगा तब उसे उस अस्पताल के स्टॉफ ने एक दिन के वेंटिलेटर के इस्तेमाल करने का बिल 3000 रुपए थमा दिया जो किसी कारणवश छूट गया था। जिसे देखकर वह बूढ़ा व्यक्ति ज़ोर ज़ोर से रोने लगा। उसे देख के डॉक्टर ने उस बूढ़े व्यक्ति को कहा आप रोइए मत, यदि आप यह बिल नहीं भर सकते हैं तो जाने दीजिए। तब उस बूढ़े व्यक्ति ने एक बात कही जिसे सुनकर सारा स्टॉफ रोने लगे गया। उसने कहा कि मैं बिल की रकम पर नहीं रो रहा और न ही इसे चुकाने में असमर्थ हूँ , मैं यह बिल भर सकता हूँ। मैं तो इसीलिये रो रहा हूँ कि मैं 93 साल से ये सांसें ले रहा हूँ किन्तु मैंने कभी भी उसकी पेमेंट नहीं की। यदि एक दिन के सांस लेने की कीमत 3000 रुपए है तो आपको पता है कि मुझे भगवान को कितनी रकम चुकानी है ? इसके लिए मैंने कभी भी भगवान का धन्यवाद नहीं किया। ईश्वर का बनाया हुआ संसार, यह शरीर, ये सांसे अनमोल हैं जिसकी पेमेंट हम उसका शुक्रिया करके एवं उसकी स्तुति, प्रार्थना व उपासना करके कर सकते हैं। *सांसों की कीमत ?