तन्हा रहे , हर लम्हें हम । चाहे गुमशुदगी का आलम हो । या फ़िर , हो समा-ए-गमज़दा । यूं तो , पर्वत भी अपने शिखर के साथ खड़ा । नदी भी , साथी नदियों के साथ बहा करती । पर , हमने ख़ुद को सिपी स । ख़ाली , पाक माहौल में क़ैद रखा । रहता जैसे , नायाब ' मोती ' स । Anuradha Sharma ©Anuradha Sharma #inspiration #nayaab #life #struggle #workhard #urdupoetrylovers #goals #yqquotes #Nojoto #standAlone