जिसकी पूरी मण्डी थी, वही साली रण्डी थी। जीसने तन बेच दिया चूल्हे कि आग जलाने को उसका तन गंदा था। और हाँ दूनिया वालों, उसके बिना बाजार भी मंदा था। नंगा तन देखने को क्या छोटा - क्या बड़ा, हर कोई हाजिर था। और उसी बाजार के एक कोणे में भूखा उसका बच्चा रोता था। जब हर किसी ने अपनी भूख मिटाली उसके उस गंदे तन से। वो अपने बच्चे को सिने से लगाकर दूध पिलाती थी, हाँ, जिसकी पूरी मण्डी थी, वही साली रण्डी थी। ©Priyanka Mazumdar #रण्डी