जितने भी वर्तमान में #समाज_सुधारक/समाजसेवी,,, #संगठनों_के_फाउंडर_अध्यक्ष,, उपाध्यक्ष,, सचिव,, #महासचिव हुए हैं,,और हो रहे हैं...उनसे पूंछना है कि आप... तो समाज को अपने हक के लिए #आंदोलन करने की बात करते हैं,,, आप तो समाज को अपने #हक_और_अधिकार के लिए #लड़ने की बात करते हैं,,, आप तो सामाजिक न्याय की #आवाज_उठाने की बात करते हैं.....परंतु जो समाज का अत्यधिक महत्वपूर्ण और आवश्यक मुद्दा है #अर्थव्यवस्था_की_हीनता क्या आप सभी ने कभी उसको #खत्म करने की बात की..?नहीं की। क्या आपने कभी #अर्थव्यवस्था_की_कमी को खत्म करने की कोई #पृष्ठभूमि तैयार की..? नहीं की। सामाजिक आंदोलन के लिए #आर्थिक_मजबूती की आवश्यकता होती है,,,क्या आपने उसका #बंदोबस्त_किया..? नहीं किया। हक और अधिकारों को लड़ाई के लिए #धन_बल की आवश्यकता होती है,,,क्या आपने समाज के निम्न वर्गों के लिए इसकी व्यवस्था किया..? नहीं किया। सामाजिक न्याय के लिए आवाज उठाने हेतू स्वतंत्र व्यक्ति और #स्वतंत्र_कंठिका चाहिए... जबकि #सवर्णों_के_कर्ज से #शोषित_पिछड़ा_आदिवासी_वर्गों की आवाजें नहीं निकल सकती,,,क्या आप सभी ने कभी इसका #बंदोबस्त किया..? नहीं किया। आप सभी कहते हैं,,शोषित वर्ग #सर_गर्व_से_उठाकर_चले,,,#सवर्णों_की_डर_और_कर्ज_की_मार से उनकी #गुलामी_छूट_नहीं_रही_है,,,क्या आप सभी ने उन शोषित वर्गों की गुलामी को छुड़ाने हेतु कोई #आर्थिक_विकास_के_कदम_उठाए...? नहीं उठाए। ©Rahul Ambedkar सामाजिक उत्थान कैसे? #friends