Magical Love— % & कबीर साहब ने लिखा है : प्रेम पदार्थ परखो यहीं भीतर बोले कोई दूजो नहीं... प्रेम जितना प्रकृति में हैं उस से ज्यादा तुम्हारे भीतर है अतः पहुंच जाता है वहां भी, जहाँ प्रकृति ना भी पहुंचे कभी कभी ... Love gives the illusion of fragrance even in plastic flowers...