अनन्य रिश्ते नाते है रिश्तों की कोई कमी नही इस दुनिया के मेले में, दिन रात लगा रहता हैं जिंदगी की उहापोह व बेवजह के झमेले में, सब मतलब के यार व दीवाने है, कोई न यहाँ एक वक्त का दानिश हैं, न कोई सुध लेता, न ही कोई समझता हैं, कुढ़ते रहते हम अकेले में। 🌝प्रतियोगिता-70 🌝 ✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️ 🌹"दुनिया के मेले"🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I