शिव लिखूँ या लिखूँ मै शंकर गुंजायमान है सृष्टि मे ऊँ का स्वर महादेव कहूँ या महाकाल कहूँ या देवों के देव आदिनाथ कहूँ त्रिनेत्र कहूँ या कहूँ जटाधारी करता है शम्भू तू नंदी की सवारी तेरा करुँ और बाबा मै क्या वर्णन आदि भी तुम हो अंत भी तो तुम शून्य के पार जाकर भी तुम हो हे रूद्र दुखों का नाश करो तुम हे नाथ मेरा भी उद्धार करो तुम......... #अंजान..... #हे_नाथ #हे_शंकर #हे_बाबा #अंजान.......