दुआ कितनी भी कर लो दुआ तुम सब बेकार है यदि माता-पिता तुमसे नाराज हैं दुखा कर माता-पिता का दिल कितनी भी कर लो प्रार्थना तुम सब बेकार है ईश्वर भी नहीं सुनता कमीनों की बात जो दुखाता है दिल किसी इंसान का हर पल मरकर भी जीता है फिर से ऐसा इंसान फिर भी नामक हरामी करता रहता है ऐसा इंसान ©DR. LAVKESH GANDHI #नमकहराम# #दुआ भी बेकार हो जाती है#