****नीती बचण**** शांति ढूंढे सब कोई मिल्या न जग मांही जो मन खोजा आपणा मिले मन माहीं चिंता ,चिता है एक बराबर एक मां झुलसे मण दुजो जलाये शरीर मात -पिता देव समाण पुत्र-पुत्री धरोहर मात -पिता की सेवा कर ले हो जै हैं भवसागार पार बड़ा बणो तो बणो पेड अम्र समाण पावे छाया राहगीर मीठो फल खाई के मानुष मिटावे क्षुधा पीर धुंअा मदिर है समाण फूंके एक कालज दुजो से बिक जावे मानुष णे राज - काज चुपडी रोटी देख के मण ना लावे ताप कर्म तारो फलेगें बंदे भाग्य बणावन बण तू आप संगत से रंगत चढ़े परख बणत पहिचाण ताडी ,नरियर बिन चाखे कौन सके है जाण #gif ****नीती बचण**** शांति ढूंढे सब कोई मिल्या न जग मांही जो मन खोजा आपणा मिले मन माहीं चिंता ,चिता है एक बराबर