तू ही मेरी शायरी,तू ही मेरी ग़ज़ल तुझे देखता हूँ तो उठती है दिल मे हलचल चाहता हूँ तुझको जान से भी ज़्यादा तुझसे ही मेरा आज है तुझी से मेरा कल.... ख़्वाब है मेरी अखियों में सिर्फ तेरे हृदय के हर कौने में है तेरे ही बसेरे बसी है तू ही दिल की हर धड़कन में जो मैं बन्द गुलाब हूं तो तू खिलता हुआ कमल... अब तो शाम सवेरे तुझमे ही खोया रहता हूँ नए नए ख्वाबों को मैं दिल में रोज़ सँजोता रहता हूँ हर जगह अब तू ही नज़र आती है जो मैं ठहरा ताल हूँ तो तू बहता निर्मल जल... प्यार में तेरे,दिल ये मेरा रोज़ धड़कता है जो ना हो दीदार तेरा,यूँ ही तड़पता रहता है तेरे ही खुशबू आती है अब इन फिज़ाओ में जो मैं कोई सवाल हूँ तो तू है उसका हल.... ©Nitin Diwan #LOVE_ART Tu hi mera Aaj Tu Hi Mera Kal