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जीत पक्की है... कुछ करना है, तो डटकर चल। थोड़ा दुन

जीत पक्की है...
कुछ करना है, तो डटकर चल।
थोड़ा दुनियां से हटकर चल ।
लक पर तो सभी चल लेते है,
कभी इतिहास को पलटकर चल।
बिना काम के मुकाम कैसा?
बिना मेहनत के, दाम कैसा ?
तक ना हाँसिल हो मंज़िल
जब तो राह में, आराम कैसा ?
अर्जुन सा, निशाना रख, मन में,
ना कोई बहाना रख ।
जो लक्ष्य सामने है,
बस उसी पे अपना ठिकाना रख।
सोच मत, साकार कर,
अपने कर्मों से प्यार कर ।
मिलेगा तेरी मेहनत का फल,
किसी और का ना इंतज़ार कर ।
जो चले थे अकेले
उनके पीछे आज मेले हैं।
जो करते रहे इंतज़ार उनकी
जिंदगी में आज भी झमेले है।
सोंच बदलो, जिंदगी बदलो !

#cse #mppsc

©पूर्वार्थ #STUDY_TABLE
जीत पक्की है...
कुछ करना है, तो डटकर चल।
थोड़ा दुनियां से हटकर चल ।
लक पर तो सभी चल लेते है,
कभी इतिहास को पलटकर चल।
बिना काम के मुकाम कैसा?
बिना मेहनत के, दाम कैसा ?
तक ना हाँसिल हो मंज़िल
जब तो राह में, आराम कैसा ?
अर्जुन सा, निशाना रख, मन में,
ना कोई बहाना रख ।
जो लक्ष्य सामने है,
बस उसी पे अपना ठिकाना रख।
सोच मत, साकार कर,
अपने कर्मों से प्यार कर ।
मिलेगा तेरी मेहनत का फल,
किसी और का ना इंतज़ार कर ।
जो चले थे अकेले
उनके पीछे आज मेले हैं।
जो करते रहे इंतज़ार उनकी
जिंदगी में आज भी झमेले है।
सोंच बदलो, जिंदगी बदलो !

#cse #mppsc

©पूर्वार्थ #STUDY_TABLE