Caption: A section of my upcoming novel - Bhopal diaries..... इंतज़ार, इंतज़ार कितना खूबसूरत होता है ना! इंतज़ार किसी से मिलने का, कुछ पा लेने का| उसकी बेचैनी ये साफ जाहिर कर रही थी, कि मुझे देखते ही वह मुझे कितने जोर से सीने से लगाना चाहती थी, मानो इतनी जोर से की ये महीनों की दूरियां बस एक पल मे खत्म हो जाए। इधर मै भी बेचैन हो रहा था उसे आगोश मे लेने को, उसके माथे को चूमने को, और उसे जी भर के प्यार करने को, उसको ऐसे गले लगाने को, कि दुनिया की तमाम गर्माहट का एहसास दो सीनो के बीच सिमट कर रह जाए।